Wednesday, August 8, 2012

मुक्तक








रूठ कर ना  जा मेरा दिल तोड़ने  बाले
पराया जानकार हमको अकेला छोड़ने बाले
मासूम सी ख़ता पर नाराज हो गए
इजहार राज ऐ  दिल पर ही आबाज  हो गए 


मुक्तक प्रस्तुति :   
मदन मोहन सक्सेना