Thursday, January 24, 2013

मेरा भारत महान




मेरा भारत महान
जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान

गंगा यमुना सी नदियाँ हैं जो देश का मन बढ़ाती हैं
सीता सावित्री सी देवी जो आज भी पूजी जाती हैं

यहाँ जाति धर्म का भेद नहीं सब मिलजुल करके रहतें हैं
गाँधी सुभाष टैगोर तिलक नेहरु का भारत कहतें हैं

यहाँ नाम का कोई जिक्र नहीं बस काम ही देखा जाता है
जिसने जब कोई काम किया बह ही सम्मान पाता है

जब भी कोई मिले आकर बो गले लगायें जातें हैं
जन आन मान की बात बने तो शीश कटाए जातें हैं

आजाद भगत बिस्मिल रोशन बीरों की ये तो जननी है
प्रण पला जिसका इन सबने बह पूरी हमको करनी है

मथुरा हो या काशी हो चाहें अजमेर हो या अमृतसर
सब जातें प्रेम भाब से हैं झुक जातें हैं सबके ही सर.
  



प्रस्तुति: 
मदन मोहन सक्सेना

7 comments:

  1. Replies
    1. अनेकानेक धन्यवाद सकारात्मक टिप्पणी हेतु.

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  2. सुन्दर विचार .आभार .आभार आपकी टिपण्णी का

    Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ध्यान योग में छिपा है मनोरोगों का समाधानhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/01/blog-post_1333.html …
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    19mVirendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ram ram bhai मुखपृष्ठ सोमवार, 28 जनवरी 2013 पांचहज़ार साला हमारी योग ध्यान और मननशीलता की परम्परा http://veerubhai1947.blogspot.in/
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  3. काश ये भाव आज फिर जाग्रत हों...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...

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    1. प्रोत्साहन के लिए आपका हृदयसे आभार . सदैव मेरे ब्लौग आप का स्वागत है .

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  4. प्रतिक्रियार्थ आभारी हूँ

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