Monday, July 15, 2013

साला मैं तो साहब बन गया

अणु भारती में पूर्ब  प्रकाशित मेरा ब्यंग्य :







साला मैं तो साहब बन गया :

मदन मोहन सक्सेना .

1 comment:

  1. पढते-पढते अगर बरबस ही मुस्कराना पड जाए तो वह व्यंग्य सार्थक है । यहाँ पढते हुए मुझे ऐसा ही लगा । बहुत रोचक ।

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